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आज पूरी ही गयी ये ग़ज़ल जबरदस्त हुयी है सामाजिक एहसास का अनुभूती करती रचना

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27 Jul 2022 03:34 PM

ऊपर की लाइन में समझ नही आई है भाई क्या मतलब है इसका।

मेरा मतलब था कल आपने केवल कल एक ही ऊपरवाला शेर पेश किया था आज पूरी गझल पेश की है

27 Jul 2022 04:47 PM

Oh ab samjh me aaya hahahah

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