Anamika Singh
Author
24 Jul 2022 11:05 PM
बहुत खूब। बहुत सुंदर शब्दो का तालमेल।
Anamika Singh
Author
24 Jul 2022 11:05 PM
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर आभार।
इस इश्क़ के दरिया में
हम ढहते चले गए
तैराकी हम थे अच्छे, मग़र !
हम बहते चले गए