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24 Jul 2022 10:58 PM

इस इश्क़ के दरिया में
हम ढहते चले गए
तैराकी हम थे अच्छे, मग़र !
हम बहते चले गए

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24 Jul 2022 11:05 PM

बहुत खूब। बहुत सुंदर शब्दो का तालमेल।

24 Jul 2022 11:05 PM

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर आभार।

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