'अशांत' शेखर
Author
5 Jul 2022 09:38 AM
बहोत बहोत दिल के गहराई से धन्यवाद आभार शुक्रिया
'अशांत' शेखर
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5 Jul 2022 09:52 AM
जेरो-ओ-जबर हो गये आपने मेरी ये गझल नहीं पढ़ी है कैसी ये बताओ
भाई अब तक की सबसे बेहतरीन आपकी गजल। एहसासों को बड़े ही बेहतरीन अल्फाजों से बयां किया है। बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत ही उम्दा ग़ज़ल।