'अशांत' शेखर
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28 Jun 2022 04:33 PM
बहोत बहोत हार्दिक आभार
काल के मायूसी भरे गहरे अंधेरो में
उम्मीद की एक किरण बन जाता है वो।बहुत ही सुंदर रचना।