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27 Jun 2022 10:13 PM

ठोकर ना खाते रहते जिंदगी की राहों में।
फूलो से महकते गर हमारा भी बागवां होता।।बहुत ही सुंदर और मार्मिक।

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28 Jun 2022 02:04 AM

बहुत बहुत शुक्रिया आपका।

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