अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
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4 Jul 2022 08:47 PM
साभार नमन आदरणीया!
वो हृदय जो नेह में लिपटा हुआ है।
सामने उसके नीरस मन और सारे।रचना मे पिता के गुण से भरा एक-एक शब्द सत्य है सारे।