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5 Jun 2022 09:45 PM

वाह वाह बहुत खूबसूरत लिखा है आपने। अकल्पनीय अतुलनीय अद्वितीय। बहुत ही सुन्दर रचना। जितनी तारीफ करूं कम होगी।

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आपका बहोत बहोत हार्दिक आभार।मैं आपके कलम का कायल हूँ ताज भाई।

5 Jun 2022 11:29 PM

जी नहीं साहब। आप जैसे अल्फाज़ और अंदाज़ हमारा कहां है। लेकिन अप सबको पढ़कर थोडा बहुत सीख लेता हूं। खुदा आपके कलम में और रवानी दे ये हमारी दुआ है।

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