आदरणीय महोदय जी को सादर नमस्कार
आपके द्वारा प्रेषित रचना बहुत ही अच्छा है, यहाँ पर हम अपनी भावनाएँ व्यक्त करतें हैं वहाँ उस वृक्ष की कटाई निरंतर जारी रह्ता है, आज फ़िर देखिए न हमारे राज्य में हसदेव अरण्य का निरंतर कटाई जारी है सिर्फ़ इसलिए कि वहाँ कोयले का भंडार होने का अनुमान है, उस वन से ही हसदेव नदी का उदगम स्थल है अब बाद में क्या होगा वह हमे मालूम है विकास अर्थात् विनाश।
आदरणीय महोदय जी को सादर नमस्कार
आपके द्वारा प्रेषित रचना बहुत ही अच्छा है, यहाँ पर हम अपनी भावनाएँ व्यक्त करतें हैं वहाँ उस वृक्ष की कटाई निरंतर जारी रह्ता है, आज फ़िर देखिए न हमारे राज्य में हसदेव अरण्य का निरंतर कटाई जारी है सिर्फ़ इसलिए कि वहाँ कोयले का भंडार होने का अनुमान है, उस वन से ही हसदेव नदी का उदगम स्थल है अब बाद में क्या होगा वह हमे मालूम है विकास अर्थात् विनाश।