Khushboo Khatoon
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19 Apr 2022 08:13 AM
हमारी त्रुटियों के तरफ हमारा ध्यान आकृष्ट करने के लिए हार्दिक धन्यवाद सर
19 Apr 2022 12:28 PM
आपका स्वागत है बहन
ख़ुशबू बहन बहुत ख़ूब लिखा है आपने। कुछ कहने गुस्ताख़ी कर रहा हूँ। ग़ौर फरमाईयेगा
कश्ती भी होगी खुद का,
(कश्ती भी होगी ख़ुद की)
महकेगा हर तरफ फूल उस दिन
(महकेंगे हर तरफ फूल उस दिन)
छाएगा गजब का शमाँ उस दिन
(छाएगा गजब का समाँ उस दिन)