संजीव शुक्ल 'सचिन'
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22 Mar 2022 09:43 PM
उरतल से आभार सर जी
वाह सचिन जी भावुक कर दिया आप ने क्या भाव पिरोया है अपनी लेखनी से। मुझे इस कविता में अटल जी शब्द रूप में दिख रहे हैं।
अति सुन्दर