Shyam Sundar Subramanian
Author
3 Dec 2021 11:27 AM
நன்றி.
Wow! Jay Shiri Ram…. कविता / राम दर्शन /
/ रामर एट अल से अनंत।
/ राम से आत्मा में जान आई।
/ रामारे कल्पम, रामारे संकल्पम।
/ रामरे सृजन, रामारे दिव्य दृष्टि,
/ रामारे पालनकर्ता, रामारे रक्षक,
/ रामारे शक्ति, रामारे मुक्ति,
/ रामरे आशा, रामारे इच्छा,
/ रामारे प्रतिवादी हैं, रामारे निर्देशक हैं।
/ रामारे संघर्ष, रामारे अंतिम है,
/ रामारे वीरम, रामारे निडर,
/ रामरे प्रेम, रामरे प्रकाश,
/ रामारे जीवन, रामारे नग्नता। / nice sir ji