फूलों की तरह (महिया) ****************
// नदी में पानी है, / कहा चली जाती हो तुम / प्रेम अज्ञान है। /
अम्बर चाँद उग आया है, / उजाले की रात में / मछली ने उसका कान पकड़ लिया। /
दो दिलों का मिलन, / पटरियों पर दौड़ना, / खुशियों की ट्रेन है। /
पैर नहीं टूटे। / मैं फिर से नाचता हूँ, / दर्शन एक फूल की तरह है। /
दूध में मीठा होता है / मुझे जाने दो / हम कब मिलेंगे। /
अद्भुत, / तन, मन, धन सब हरे हैं। /
सुखविंद्र सिंह मनसीरत / खेरी राव वाली (कैथल) / nice Mahiya…. Sir ji….
You must be logged in to post comments.
फूलों की तरह (महिया)
****************
// नदी में पानी है, /
कहा चली जाती हो तुम /
प्रेम अज्ञान है। /
अम्बर चाँद उग आया है, /
उजाले की रात में /
मछली ने उसका कान पकड़ लिया। /
दो दिलों का मिलन, /
पटरियों पर दौड़ना, /
खुशियों की ट्रेन है। /
पैर नहीं टूटे। /
मैं फिर से नाचता हूँ, /
दर्शन एक फूल की तरह है। /
दूध में मीठा होता है /
मुझे जाने दो /
हम कब मिलेंगे। /
अद्भुत, /
तन, मन, धन सब हरे हैं। /
सुखविंद्र सिंह मनसीरत /
खेरी राव वाली (कैथल) /
nice Mahiya…. Sir ji….