Rajesh vyas
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6 Mar 2022 10:51 AM
अतिशयोक्ति कहो अन्योक्ति कहो पर यह यही है मेरे मन की युक्ति।।
प्रणाम आदरणीय ???
समर्पण की अतिशयोक्तिपूर्ण रचना, राजेश व्यास जी