Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

याद में तेरी जाग जाग के हम रात भर करवटें बदलते रहे , हर घड़ी तेरी उल्फ़त के धीमे धीमे चराग़ जलते रहे,

श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
1 Mar 2022 11:32 AM

शुक्रिया जी

Loading...