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हमें किसी भी तरह का वह शब्द इस्तेमाल नही करना चाहिए जो साहित्य सृजन की श्रेणी में नहीं आता हो। क्योंकि शब्दों से पता चलता है कि हमारी मानसिकता कैसी है।

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1 Feb 2022 02:25 PM

कौन तय करेगा? हमने तो धर्म ग्रंथों में क्या-क्या पढ़ा है।

1 Feb 2022 02:30 PM

कभी फूर्सत मिले तो नीग्रो, ब्लैक, रेड इंडियन, आदिवासी और दलित साहित्य भी पढ़िए।

1 Feb 2022 02:32 PM

यह सत्ताधीशों के प्रति आम आदमी के आक्रोश का स्वर है!

1 Feb 2022 02:33 PM

हो सकता है कि आप लोग यहां लिखने से रोक दें लेकिन मैं किसी और मंच पर इससे भी अधिक तीखे स्वर में लिखता हूं।

1 Feb 2022 02:34 PM

मैं आम जनता बनकर लिखता हूं। आप भी आम जनता बनकर पढ़िए। अच्छा लगेगा।

1 Feb 2022 02:40 PM

राहत इंदौरी का मशहूर शेर याद कीजिए..”सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में…

1 Feb 2022 02:42 PM

आपकी नज़र में भजन-कीर्तन ही साहित्य है शायद!

1 Feb 2022 03:25 PM

ज़िंदा शायरी ऐसी ही होती है!

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