ओनिका सेतिया 'अनु '
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20 Jan 2022 12:52 PM
बहुत खूब ! धन्यवाद जी
सुंदर प्रस्तुति
अगर इसका इस तरह लिखा जाए तो और अच्छा होगा।
हादसों इस कदर हम घबराए हुए है।
हर गम हमारे दिल पर छाए हुए है।।
कैसे इन गमों से हम छुटकारा पाएं,
ये तो मौत के हमारे छाए बने हुए हुए है।।