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इक हवा ये भी है कि, ,,,
तू आसमां पे रहता है।

सब मोहब्बत को इश्क कहते हैं,,,,,
और तू है कि इश्क को धुंआ कहता है!!!!!

*शिव प्रकाश त्रिपाठी सरस*

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