सिद्धार्थ गोरखपुरी
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3 Dec 2021 04:30 PM
Saadar dhanywad sir
क्यूँ रूठी है तकदीर हमारी,
बता दे हुई क्या खता हमारी ?
लाख कोशिश की पर मानती नहीं ,
परिशाँ हैं क्यूँ हम ये पहचानती नही ?
श़ुक्रिया !