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गैरों के ग़रेबाँ में झाँकते हैं ,अपने दामन के दाग़ों को छुपाकर , नासेह बन जाते हैं अपनी खुदी से बेखबर ,
श़ुक्रिया !

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30 Nov 2021 08:36 AM

बहुत खूब गुरु जी।

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