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दिल लगाकर हम ये समझे, ज़िंदगी क्या चीज़ है
इश्क़ कहतें हैं किसे और, आशिक़ी क्या चीज़ है

हाय ये रुख़सार के शोले, ये बाहें मर्मरी
आपसे मिलकर ये दो बातें, समझ में आ गईं
धूप किसका नाम है और चाँदनी क्या चीज़ है

आपकी शोख़ी ने क्या-क्या, रूप दिखलाए हमें
आपकी आँखों ने क्या-क्या, जाम पिलवाए हमें
होश खो बैठे तो जाना, बेख़ुदी क्या चीज़ है

आपकी राहों में जबसे हमने रखा है क़दम -२
हमको ये महसूस होता है कि हैं मंज़िल पे हम
कोई क्या जाने मोहब्बत की खुशी क्या चीज़ है

श़ुक्रिया !

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