12 Nov 2021 06:31 AM
गलतियाॅं साहित्यिक सेवा की भावना से बस, रचनाकार की भलाई के लिए ही उजागर किया जाता है, ताकि वे सभी सदैव कुछ-न-कुछ सीख सकें ! रचनाओं की समालोचना साहित्यिक सेवा का महत्वपूर्ण भाग होता है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
कृपया अन्यथा नहीं लें एवं विचलित ना हों… खुशी-खुशी साहित्यिक सेवा में अपना योगदान करते रहें एवं सानंद रहें…. धन्यवाद ।
पंकज कुमार कर्ण
Author
12 Nov 2021 09:00 AM
जी,बिल्कुल
एक दो मात्रा में मात्र त्रुटि थी भूलवश,
अब सुधार कर लिया गया।
बहुत गलती ढूंढते हैं आप।
दूसरों की गलती को नजर अंदाज करना भी सीखिए, औरों को भी आगे जाने व जीने दें।
समीक्षा के लिए धन्यवाद।।