5 Nov 2021 06:33 PM
धन्यवाद ।
पंकज कुमार कर्ण
Author
5 Nov 2021 06:43 PM
मेरी कलम से जो लिखा गया जरूर उसमें सत्यता होगी।
हम चित्रगुप्त के वंशज हैं।
ऐसे कुछ नही लिख देते।
है शायद स्वार्थी जीवन “सबका”
शायद ये बेहतर तब हो जाता !
जब सबका की जगह होता “कुछ लोगों का”!
क्योंकि सभी लोग ऐसे नहीं होते…. कुछ तो अच्छे ज़रूर होते, जो सचमुच भक्ति भाव में लीन होते ! इसीलिए सबकी आस्था पे सवाल करना ठीक नहीं…. रचना का बाकी भाग सुंदर संदेश से सुसज्जित है !!