अमित निश्छल
Author
12 Nov 2018 08:23 PM
सादर अभिवादन सर,
आपकी टिप्पणी के लिए सहृदय नमन।
प्रतियोगिता के योग्य नहीं हूँ सर अभी???
12 Nov 2018 09:25 PM
माफ कीजियेगा, पर आपकी कविता तो योग्य है फिर इसे जनमानस तक पहुचने से रोक कर इसके साथ अन्याय करने को क्यों आतुर है।
अमित निश्छल
Author
13 Nov 2018 06:40 PM
इंटरनेट पर कई जगह उपलब्ध है सर। सिर्फ़ मंचों और प्रतियोगिताओं से दूर रहता हूँ। इसका कारण शायद वैयक्तिक स्वभाव भी हो सकता है।
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आप को पढ़कर खुशी हुई, कि सेवारत एक योद्धा, कलम का भी सिपाही है। नमन है आपकी महत्ता को ???
13 Nov 2018 06:50 PM
आभार मान्यवर, कभी किस्मत हुई तो आपको सुनना भी चाहूंगा।।
वाह, क्या मार्मिक चित्रण किया आपने, स्वागत योग्य।। आप इस रचना को प्रतियोगिता हेतु क्यो नही प्रस्तुत करते।।