Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2021 10:10 AM

वाह, अति सुंदर सकारात्मक संदेश देती रचना !
पर अंतिम पंक्ति को थोड़ा और सकारात्मक बनाते हुए गर ये लिखा जाता… “उन्हें जीतकर मंज़िल की ओर ही बढ़ना…. तो और बेहतर होता ! बहुत बहुत धन्यवाद ।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
10 Oct 2021 10:51 AM

धन्यवाद

10 Oct 2021 10:54 AM

आप क्यों नहीं लिख रहे हैं इधर।आजकल busy चल रहे हैं क्या?

10 Oct 2021 11:03 AM

मैं अभी बाहर ही बाहर हूॅं ! कुछ दिनों से बहुत व्यस्त चल रहा हूॅं !! व्यस्तता हटने पर तुरंत साहित्य की सेवा में हाज़िर रहूंगा ! धन्यवाद !! खासकर मेरी बातों को संज्ञान में लेते हुए आपने अपनी व्यस्त ज़िंदगी में से कुछ पल चुराकर एक ही नहीं.. दो – दो बेहतरीन प्रस्तुति दे दी !! इसके लिए अलग से एक और धन्यवाद !!

Loading...