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ज़माने का दस्तूर है ,जीते जी इंसाँ की कीमत पहचान ना पाए ,
उसके जाने के बाद , उसकी याद में कसीदे पढ़े, आंसू बहाए ,
सच ही कहा है , किसी को खोने के बाद उसकी अहमिय़त समझ आती है ,
इंसां की हक़ीक़त नज़रअंदाज़ करने की अना नश़्तर बन उसे ज़िंदगी भर सालती है ,
श़ुक्रिया !

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जी सत्य वचन धन्यवाद

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