जगदीश शर्मा सहज
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1 Oct 2021 01:03 PM
सादर नमन आदरणीय व्यास जी
नया दौर है नई भोर है सबके अपने-अपने छोर है, कौन किसके लिए इस जमाने में मित्र करता गौर है।।
प्रणाम ✍️✍️