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तुम्हारी यादों के सहारे जी लेंगे,
ज़हर जिंदगी का हम पी लेंगे,
इल्तिज़ा है; ज़ेहन में यादों के अब्र
बसाए रखना ,
दिल में इक एहसास-ए-सोज़
जगाए रखना,
श़ुक्रिया !

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