Kavita Chouhan
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19 Sep 2021 05:27 PM
वाह जी वाह।।
ना वो बात कर मेरे हमनवा जो ग़मे इश्क़ में मज़ा ना दे
मुझे ज़िंदगी से गरज नहीं मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे
मेरे दिल के टुकड़े ना जोड़िए ,
मेरी खामोशी को ना तोड़िए ,
यही आईना तो है काम का जो टूट कर भी सदा ना दे ,
श़ुक्रिया !