Godambari Negi Pundir
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15 Sep 2021 11:22 PM
करन जी बहुत बहुत आभार सुंदर समीक्षा हेतु?
वाहह, आज की स्थिति में हिन्दी की दशा व हिन्दी के प्रति लोगों की मनोदशा का अति सुंदर व्यंग्यात्मक चित्रण किया है आपने ! रचना की गहराई हिन्दी की दशा का आज के परिप्रेक्ष्य में पोल खोलने व वास्तविक स्थिति प्रस्तुत करने में सक्षम है। और हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाने में चुनौतियां कितनी बड़ी है, उसका भी सही अनुमान इस रचना के माध्यम से सहजता से लगाया जा सकता है। ???