Rajesh vyas
Author
15 Sep 2021 09:32 PM
आभार आदरणीय प्रणाम ??
दिल से दिल तक एहसास की राह होती है,
दिलो जाँ से बढ़कर ऱुह में पैब़स्त चाह होती है ,
लाख मुखौटों से छुपा ले ये ज़माना ,
हक़ीक़त तो नज़रों से बयाँ होती है ,
श़ुक्रिया !