गैरों के दिए ज़ख़्म वक्त गुज़रते भर जाते हैं , अपनों के दिए ज़ख़्म वक्त गुज़रते गहराते हैं , श़ुक्रिया !
You must be logged in to post comments.
??
गैरों के दिए ज़ख़्म वक्त गुज़रते भर जाते हैं ,
अपनों के दिए ज़ख़्म वक्त गुज़रते गहराते हैं ,
श़ुक्रिया !