राहे एहसास में पथराव बहुत हैं मुमकिन , शीशा -ए- दिल को झरोखों में सजाया ना करो, श़ुक्रिया !
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वाह लाजवाब आदरणीय
श़ुक्रिया !
राहे एहसास में पथराव बहुत हैं मुमकिन ,
शीशा -ए- दिल को झरोखों में सजाया ना करो,
श़ुक्रिया !