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4 Sep 2021 11:25 PM

वाह, क्या ‘अर्पिता’ के अल्फ़ाज़ हैं !
ये तो बस शेर नहीं, इक सौगात हैं !!
इज़्ज़त के वास्ते लोग दे देते अपनी जान हैं।
पर वो नहीं कभी बेचते अपनी ईमान हैं !!
हम सब तो करते इन सौगातों के रसपान हैं !!

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