Jyoti Pathak
Author
4 Sep 2021 07:05 PM
Dhanyawad sir ….
4 Sep 2021 08:15 PM
Bahut bahut dhanyawad, Jyoti ji.
Jyoti Pathak
Author
6 Sep 2021 10:50 AM
,,,???
वाह ‘ज्योति’ जी ! ग़ज़ब ?
बस, देख लें कि अंतिम पंक्ति में एक शब्द गर प्रयुक्त किया जाए…. “रास्ता छोड़ जाया करती हैं….” तो पठन में और भी कोमल लगेगा !! बहुत शुक्रिया !! अन्यथा ना लें !! ?