वीर कुमार जैन 'अकेला'
Author
26 Aug 2021 07:09 AM
शुक्रिया जनाब
अंतर्व्यथा की भावपूर्ण अभिव्यक्ति !
इस ज़िदगी का ज़हर अब हम पी लेंगे ,
तेरी यादों के सहारे अब हम जी लेंगे ,
श़ुक्रिया !