बहुत सारे संघर्ष का संज्ञान तो मनुष्य को अवश्य ही रहता है कि वो जीवन के किस मोड़ पर क्या संघर्ष कर रहा है ! हाॅं कुछ ऐसे अनछुए पहलू अवश्य हो सकते हैं जिसकी जानकारी मनुष्य को नहीं भी होती है या उन्हें समझ में नहीं आता हो कि वो जो कुछ कर रहा है वह संघर्ष के दायरे में ही है। बढ़िया आगाज़ किया है आपने ! सुंदर प्रस्तुति ! ?
बहुत सारे संघर्ष का संज्ञान तो मनुष्य को अवश्य ही रहता है कि वो जीवन के किस मोड़ पर क्या संघर्ष कर रहा है ! हाॅं कुछ ऐसे अनछुए पहलू अवश्य हो सकते हैं जिसकी जानकारी मनुष्य को नहीं भी होती है या उन्हें समझ में नहीं आता हो कि वो जो कुछ कर रहा है वह संघर्ष के दायरे में ही है। बढ़िया आगाज़ किया है आपने ! सुंदर प्रस्तुति ! ?