Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2021 04:50 PM

भले ज़िंदगी परेशान करे,पर तू कभी हारना नहीं!
भले रण में तू अकेली रह पर वो भूमि कभी छोड़ना नहीं ! आत्मविश्वास से तू भरी हुई इतनी लबालब है…
जब तुझे कोई मुकाम मिल जाए, बढ़े हुए कदम तू रोकना वहीं !!
ज़िंदगी तो कदम-कदम पर यूॅं ही इम्तिहान लेती रहती ! इन इम्तिहानों से तू कभी तनिक घबराना नहीं !! हर किसी के मन में आत्मविश्वास जगाती व हिम्मत बढ़ाती, बहुत सुंदर ओज़पूर्ण रचना, “रश्मि” जी !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
16 Aug 2021 12:26 PM

Thanks sir

Loading...