ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
13 Aug 2021 11:21 PM
धन्यवाद जी
अभिव्यक्ति को भविष्य से जोडने की बजाय वर्तमान पर केन्द्रित हो.
जैसे
जज्बातों को कुचल देने से राह नहीं मिटती.
हौसले हो गर, बुलंद,, राह नहीं रुकती.
So and so
अच्छा लिखती हैं आप.
लिखते रहे ✍️??✍️