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12 Aug 2021 07:27 PM

सच कहा ‘खुशबू’ जी आपने कि जो अकेलेपन में खोए रहते हैं उनका ध्यान कहीं और ही रहता है। उन्हें महफ़िल की खुशी भी नागवार गुजरती है। और किसी मसले पर तो दुनिया के जवाब-सवाल का तौर तरीका ही अलग होता है। वो तो बस, यूॅं ही बात का बतंगड़ बनाने पर तुले रहते हैं । आप बस, खुद को संतुष्ट करने का प्रयास करें । आप खुद को जितनी अच्छी तरह समझ सकती हैं, दुनिया उतनी अच्छी तरह नहीं समझ सकती ! किसी बात पर दुनिया का नज़रिया आपसे अलग हो सकता है पर पहले अपने हालात के मुताबिक खुद को संतुष्ट करना ज़्यादा श्रेयस्कर होता है, बशर्ते कि किसी मुद्दे पर आपका खुद का नजरिया सही दिशा में जा रहा हो ! बहुत धन्यवाद ! वैसे रचना आपकी अति सुंदर व भावपूर्ण है ! ??

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12 Aug 2021 09:14 PM

Tq so much Sir

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