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10 Aug 2021 09:13 PM

वाह “अर्पिता” जी, बीते हुए लम्हों को उतनी आसानी से भुलाया नहीं जा सकता ! अहसास दिल में कुछ पल तो दफ्न रह सकते हैं पर मौका पाते ही प्रकट होने लगते हैं। बहुत सुंदर, हृदय स्पर्शी ग़ज़ल !!!

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10 Aug 2021 10:08 PM

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