ओनिका सेतिया 'अनु '
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8 Aug 2021 09:09 PM
धन्यवाद जी
वाह बहुत सुंदर, भावपूर्ण अभिव्यक्ति । ये ज़िंदगी खुशी और ग़म का संतुलन बराबर पाया । ना कुछ खोया, ना ही कुछ ज़्यादा पाया !!