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8 Aug 2021 11:13 AM

बहुत ही लाजवाब व भावपूर्ण ग़जल लिखी हैं देवश्री जी ! पर मिसरे की बहर / मापनी में मुझे थोड़ा-बहुत का अंतर नज़र आ रहा है।

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