Khushboo Khatoon
Author
8 Aug 2021 10:03 AM
जी सर।धन्यवाद
सचमुच आपने अपनी लेखनी से यादों के सफ़र को और रोमांचक बना दिया है। सिर्फ़ एक जगह देख लें कि ऐसा छाया पड़ा है, परा है का इस्तेमाल दो बार शायद भूलवश हो गया है। कुल मिलाकर बहुत ही सुंदर, भावपूर्ण प्रस्तुति है ! ??