Umender kumar
Author
1 Aug 2021 06:35 PM
आज के परिवेश का कटु सत्य,
धन्यवाद जी
जिंदगी की दौड़ में हम दौड़ते रह गए,
साथी पीछे छूटते गए , पीछे मुड़कर देखा तो दौड़ में हम सिर्फ अकेले रह गए ,
श़ुक्रिया !