वाह नेहा जी ! ग़ज़ब ढा दिया आपने। दर्द को इस कदर निशाना बनाया कि दर्द अब आपके आस-पास फटकने का नाम तक नहीं लेगा। अत्यंत भावपूर्ण खूबसूरत प्रस्तुति ! ??
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Dhanyawad Sir .
वाह नेहा जी ! ग़ज़ब ढा दिया आपने। दर्द को इस कदर निशाना बनाया कि दर्द अब आपके आस-पास फटकने का नाम तक नहीं लेगा। अत्यंत भावपूर्ण खूबसूरत प्रस्तुति ! ??