पंकज कुमार कर्ण
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24 Jul 2021 10:13 PM
पंडित जी की जय हो
अक्सर आधी रात को सब कुछ आईने जैसा साफ नज़र आता है। अपने पराए सब समझ आते हैं। फिर भी आशा का दामन थाम कर निरंतर आगे बढ़ना ही जीवन है। बहुत सुंदर।