पंकज कुमार कर्ण
Author
19 Jul 2021 08:52 PM
कविता है कोई कहानी नहींं
कोई भी समझदार समझ सकता किस प्रावधान की बात कही गई है।
कविता के भाव को समझना पड़ता है।
कहानी या लेख की तरह सब बात स्पष्ट नहीं किया जा सकता।
पंकज कुमार कर्ण
Author
19 Jul 2021 08:52 PM
वैसे समीक्षा के लिए धन्यवाद?
किस प्रावधान की बात हो रही है यह तो स्पष्ट किया ही नहीं गया है। फिर अटपटे तरीके से हवा में बातें करने से क्या फायदा ? कृपया कौन सा प्रावधान अहितकारी है, बताया जाय, उस प्रावधान के गुण- दोष पर भी प्रकाश डाला जाय तो बेहतर होता !