वैसे तो आपने अपनी रचना में खुद ही मोहब्बत को बखूबी परिभाषित कर दिया है फिर भी मैं अपना पक्ष रख रहा हूॅं। मोहब्बत कुदरत की अनमोल देन है। यह एक दूसरे के प्रति हृदय में जागृत होनेवाली नैसर्गिक आकर्षण है। एक ऐसा आकर्षण जिसमें डूबकर लोग अपनी सुध-बुध तक खो देते हैं। उसी में अपनी दुनिया ढूंढ़ने लगते हैं। साधारणतया मनुष्य में एक ऐसी कमजोरी होती है कि वे अपने रूप, गुण, सुंदरता,
किसी कृति की प्रशंसा सुनने के आतुर होते हैं। और किसी मोहब्बत करने वाले से उन्हें ये सब एक साथ ही पूरे हो जाते हैं। जब किसी साथी को लगता है कि उसका साथी सदैव उसके हितों की ही सोचता है, दुनिया में अन्य चीजों को छोड़कर सिर्फ उसकी ही चिंता करता है तो ये सभी तत्व खुद-ब-खुद मोहब्बत के रूप में तब्दील हो जाते हैं। मोहब्बत के दो कारक परस्पर एक-दूसरे को खुद के लिए हर पैमाने पर हर पल खड़े उतरते देखना चाहते हैं। ऐसा होने पर प्रेमी-युगल खूबसूरत एहसास में जीते हैं पर इसमें कोई कोर-कसर हो जाने पर यह ग़म का कारण भी बन जाता है। बहुत ही भावपूर्ण व खूबसूरत सृजन किया है आपने। काबिले तारीफ ।
वैसे तो आपने अपनी रचना में खुद ही मोहब्बत को बखूबी परिभाषित कर दिया है फिर भी मैं अपना पक्ष रख रहा हूॅं। मोहब्बत कुदरत की अनमोल देन है। यह एक दूसरे के प्रति हृदय में जागृत होनेवाली नैसर्गिक आकर्षण है। एक ऐसा आकर्षण जिसमें डूबकर लोग अपनी सुध-बुध तक खो देते हैं। उसी में अपनी दुनिया ढूंढ़ने लगते हैं। साधारणतया मनुष्य में एक ऐसी कमजोरी होती है कि वे अपने रूप, गुण, सुंदरता,
किसी कृति की प्रशंसा सुनने के आतुर होते हैं। और किसी मोहब्बत करने वाले से उन्हें ये सब एक साथ ही पूरे हो जाते हैं। जब किसी साथी को लगता है कि उसका साथी सदैव उसके हितों की ही सोचता है, दुनिया में अन्य चीजों को छोड़कर सिर्फ उसकी ही चिंता करता है तो ये सभी तत्व खुद-ब-खुद मोहब्बत के रूप में तब्दील हो जाते हैं। मोहब्बत के दो कारक परस्पर एक-दूसरे को खुद के लिए हर पैमाने पर हर पल खड़े उतरते देखना चाहते हैं। ऐसा होने पर प्रेमी-युगल खूबसूरत एहसास में जीते हैं पर इसमें कोई कोर-कसर हो जाने पर यह ग़म का कारण भी बन जाता है। बहुत ही भावपूर्ण व खूबसूरत सृजन किया है आपने। काबिले तारीफ ।