Ashish Shrivastava
Author
12 Nov 2018 11:15 AM
जी धन्यवाद, आदरणीय आकाश जी वोटिंग प्रतिशत में सतत आगे बढ़ते हुए भी आपने एक छोटे-से शहर के शौकिया लेखक का ध्यान रखा और वोट किया, हम अभिभूत हैं आपकी सहृदयता का। आपकी रचना यूं तो पूरी ही सुंदर एवं पठनीय है लेकिन अंतिम पंक्तियां मन को छू लेने वाली हैं।
माँ के मधुर हृदय से लेकिन
शब्द दुआ के फूट रहे हैं
माँ तो देना जाने है बस करती कहाँ वसूल.
आपकी भावाव्यक्ति को अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है ये देखकर प्रसन्नता हुई। हम अभी नये-नये एक्टिव हुए हैं और आपके सहयोग हमारे मन को हर्षित करने वाला है। बहुत आभार! विश्वास है प्रतियोगिता से हटकर भी आपका सहयोग एवं मार्गदर्शन हमें निरंतर मिलता रहेगा। बहुत आभार।
12 Nov 2018 02:07 PM
वोट किया
बहुत ही अच्छी रचना है। वाह! वाह! मेरा वोट स्वीकार करें। आपसे अनुरोध है कि मेरी रचना भी देखने की कृपा करें और यदि अच्छी लगे तो अपने वोट का आशीर्वाद अवश्य प्रदान करें! सादर!