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14 Jul 2021 01:38 PM

SIR अति सुंदर कहानी पढ़ते हुए मन इतना खो गया और भावुक हो गया मानो यह लगता है मध्यम वर्ग एवं हर रोज मजदूरी करने वालों की यह कहानी नहीं बल्कि घर-घर की सच्चाई है ? आपकी तारीफ के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं शर्मा सर ?

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बहुत शुक्रिया आपका विवेक जी।

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